भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की दो बड़ी इकाइयों में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है। यह सार्वजनिक उपक्रम के निजीकरण करने की दिशा का एक हिस्सा है। इससे कई विसंगतियां पैदा हो रही है। भिलाई के लोगों के लिए यह चिंता का विषय है। इस मसले पर प्रधानमंत्री सीधे हस्ताक्षेप करें और जल्द भिलाई इस्पात संयंत्र व बोकारो स्टील प्लांट में स्थाई सीईओ की नियुक्ति की जए।
जांच रिपोर्ट पर हो कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह बात आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जनअधिकार अभियान समिति के संयोजक आरपी शर्मा ने कही है। उन्होंने कोक ओवन गैस हादसे की जांच रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग भी पीएम से की है।
प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी क्यों नहीं दिया जा रहा नेतृत्व
पीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि सेल स्तर पर सीईओ पद के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद तीन माह से अब तक बोकारो में स्थाई नेतृत्व नहीं दिया है। वहां माहभर ईडी को प्रभारी बनाए रखने के बाद अब सेल के डायरेक्टर हरिनंद राय को अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। वहीं भिलाई के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता को सेल में डायरेक्टर प्रोजेक्ट बन जाने के बाद भिलाई का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है।
फाइलों का लग रहा अंबार
उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या पूरे सेल में कुशल प्रशासक की कमी है, जो अतिरिक्त प्रभार से काम चलाया जा रहा है। इस्पात मंत्रालय के फैसले से सेल की यूनिट का उत्पादन, उत्पादकता और कारखाने की कार्य संस्कृति पर विपरीत असर पड़ रहा है। बीएसपी के सेक्टर-9 हॉस्पिटल की व्यवस्था प्रभावित हो रही है। निदेशक स्तर के अफसर किस तरह हर दिन इकाइयों में जाकर बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से प्रशासनिक कामकाज व्यवहारिक रूप से प्रभावित हो रहा है। फाइलों का अंबार लग रहा है।
कोक ओवन हादसे में अब तक नहीं हुई कार्रवाई
इस्पात मंत्रालय के फैसला लेने में बरती गई देरी की वजह से ही 9 अक्टूबर 2018 के कोक ओवन गैस हादसे की जांच पर कार्रवाई अब तक अधूरी है। प्रधानमंत्री तत्काल हस्ताक्षेप कर बीएसपी, बोकारो में स्थाई नेतृत्व दे। कोक ओवन गैस हादसे की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने आदेश जारी करें।