मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी वाक युद्ध भोपाल से लेकर दिल्ली तक सुर्खियां बटोर रहा है। इस बीच सिंधिया ने ग्वालियर में कहा कि मैं जनता का सेवक हूं, जनता के मुद्दों के लिए लड़ना मेरा धर्म है।
सिंधिया ने कहा कि हमें सब्र रखना है और अगर जिन मुद्दों को हमने अपने वचनपत्र में रखा है उनको हमें पूरा करना ही होगा। अगर नहीं होगा तो हमें सड़क पर उतरान होगा। वहीं इस विवाद में भाजपा भी कूद पड़ी है।
इंदौर के क्षेत्र क्रमांक दो से से भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर उनके प्रति सहानुभूति जताते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ के व्यवहार की आलोचना की है। मेंदोला ने पत्र में लिखा कि कांग्रेस का वचनपत्र याद दिलाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सार्वजनिक तौर पर आपके साथ जो व्यवहार किया वो दुखद और पीड़ादायी है। उससे आपकी पीड़ा की अंदाजा लगाया जा सकता है।
मेंदोला ने इस पत्र के माध्यम से सिंधिया को इंदौर में भगवान हनुमान की अष्टधातु से निर्मित विराट प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुरू हुए समारोह में आमंत्रित भी किया है। उन्होंने लिखा है कि यह आमंत्रण पत्र शुभ भाव से प्रेरित है और इसमें राजनीति या कोई और अर्थ मत निकालिएगा।
सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने से नहीं हिचकिचाउंगा: सिंधिया
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था कि यदि सरकार पार्टी के घोषणापत्र को लागू नहीं करती है तो वह अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने पर नहीं हिचकिचाएंगे।
उन्होंने कहा था, अतिथि शिक्षकों से मैं कहना चाहता हूं कि मैंने आपकी मांग चुनाव से पहले भी सुनी थी। मैंने आपकी आवाज उठाई और आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी जो मांग सरकार के जिस घोषणापत्र में अंकित है वो हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’
सोनिया तक पहुंची कमलनाथ-सिंधिया की लड़ाई
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सिंधिया की तरफ से राज्य सरकार पर किए गए हमले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया है कि सरकार घोषणापत्र के वादों को पूरा करने के लिए कितनी सक्षम है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी पंचायत चुनाव और नगर पालिका चुनाव की तैयारियों और संगठन के मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। वहीं सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं।
विवाद सुलझाने के लिए जल्द मुलाकात करेंगे कमलनाथ और सिंधिया
मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी वाक युद्ध के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए दोनों नेता इस हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे।